सरकारी दावे बड़े लेकिन हकीकत में बदहाल, कहीं शिक्षक दिखे नदारत तो कहीं छात्र नहीं पहुंच रहे स्कूल....
आंखों देखी: पड़ताल में परिषदीय शिक्षा व्यवस्था की बदहाल तस्वीर आई सामने
पाटन उन्नाव। पिछले करीब 1 माह से पड़ रही कड़ाके की ठंड व शीतलहर के कारण लंबी छुट्टी के बाद बुधवार को सामान्य हुए मौसम व तेज धूप खुलने के बाद भी सुमेरपुर ब्लाक क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षक अपनी तंद्रा से बाहर नहीं आ सके हैं। स्कूलों में शिक्षकों के समय से न पहुंचने से कहीं पीठ पर बैग टांगे नौनिहाल स्कूल गेट के बाहर खड़े प्रतीक्षारत मिले तो कहीं छात्र उपस्थिति शून्य होने के कारण शिक्षक स्कूल प्रांगण में बैठकर मजे से धूप सेंकते देखे गये।
परिषदीय शिक्षा व्यवस्था का हाल जानने के लिए बुधवार को आंखों देखी जो तश्वीर सामने दिखाई दी, उससे हालात को बदतर या बदहाल कह सकते हैं। आंखों देखी करने गए हमारे संवाददाता महेंद्र सिंह सुबह 9:56 बजे सुमेरपुर ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल पोखरी पहुंचे। यहां स्कूल गेट में ताला लगा था। सभी शिक्षक अनुपस्थित मिले। स्कूल के बाहर करीब 2 दर्जन से अधिक छात्र-छात्राएं स्कूल बैग टांगे गेट के बाहर शिक्षकों की प्रतीक्षा करते मिले। पूछने पर बच्चों ने बताया की गुरुजी देर से आते हैं। इसी प्रांगण में स्थित उच्च प्राथमिक स्कूल में भी बच्चे आ चुके थे। हालांकि 10:00 बजे तक शिक्षक यहां भी नहीं पहुंचे थे। यहां बच्चे स्कूल प्रांगण में चटाई बिछाकर स्कूल बैग रखने के बाद खेल रहे थे। पूछने पर नौनिहालों ने बताया गुरुजी रोज बाद में आते हैं। स्कूल की चाबी दे रखी है। हम लोगों से सुबह आकर स्कूल खोलने के लिए कहा है। स्कूल के कक्षों में फर्नीचर कुर्सियां आदि सामान अस्त-व्यस्त पडा था। कुछ ऐसा ही हाल प्राथमिक स्कूल शहिला में देखने को मिला। यहां यहां 10:11 बजे तक शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचे थे। स्कूल के गेट में ताला बंद था। जबकि बच्चे यहां भी पहुंच चुके थे। गेट के बाहर स्कूल बैग के साथ खड़े करीब 2 दर्जन छात्र-छात्राएं यहां भी शिक्षकों की प्रतीक्षा करते मिले। पूछने पर बच्चों ने बताया हम लोगों को समय से स्कूल आने के लिए कहा गया है। गुरुजी हमारे बाद आते हैं। ब्लॉक क्षेत्र के ही प्राथमिक विद्यालय जंगल बुजुर्ग में नजारा इसके विपरीत था। यहां 10:34 बजे विद्यालय में सन्नाटा पसरा था। विद्यालय में सहायक शिक्षक कमलेश सक्सेना व शिक्षामित्र अनीता सिंह एवं उमा सिंह मौजूद थे। विद्यालय में छात्र उपस्थिति शून्य होने के कारण शिक्षा मित्र एवं सहायक शिक्षक बाहर प्रांगण में बैठकर मजे से धूप सेंक रहे थे। जबकि इंचार्ज शिक्षक दीपांशु चौधरी अनुपस्थित थे।
प्रा वि जंगल बुजुर्ग में एक भी छात्र नहीं था उपस्थित, गैरहाजिर थे इंचार्ज शिक्षक
पाटन। सुमेरपुर ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय जंगल बुजुर्ग में बुधवार को परिषदीय शिक्षा व्यवस्था की बदहाल तस्वीर देखने को मिली। स्कूल में शिक्षा मित्रों सहित चार शिक्षकों की नियुक्ति के बावजूद छात्र उपस्थिति शून्य थी। विद्यालय प्रांगण में पसरे सन्नाटे के बीच मौजूद दो महिला शिक्षा मित्रों के अलावा सहायक शिक्षक कमलेश सक्सेना बाहर बैठकर धूप सेंक रहे थे। आंखों देखी के दौरान इस दृश्य को हमारे संवाददाता महेंद्र सिंह ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। इसके बाद जैसे ही वापस लौटने को तत्पर हुए तभी वह मौजूद सहायक शिक्षक कमलेश सक्सेना ने उन्हें रोककर आक्रामक अंदाज में तफ्तीश शुरू कर दी। अपना परिचय देने के बाद हमारे संवाददाता ने वार्ता से बचते हुए वहां से निकलने का प्रयास किया तो सहायक शिक्षक जबरदस्ती रोककर तस्वीर खींचने पर आपत्ति जताते हुए धमकाने का प्रयास करने लगा। यहां तक कि सहायक शिक्षक द्वारा फोन कॉल के माध्यम से इंचार्ज शिक्षक दीपांशु चौधरी से बात कराई गई, बातचीत में उन्होंने ऊंची पहुंच का हवाला देते हुए हमारे संवाददाता को देख लेने की धमकी तक दे डाली। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी सुमेरपुर दाताराम ने बताया लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।